Tuesday, January 25, 2011
Monday, January 24, 2011
Rajshaymaji ko sabari hune sthan haru.(श्री राजश्यमाजी को सबरी हुने स्थान हरु)...krishna pakshya ma ........
कृष्ण पक्ष मा श्री राजश्यमाजी को सबरी हुने स्थान हरु को नाम एस्प्रकार छन।
१। कृष्ण पक्ष परेवा -------------------------- पाट घाट
२। दुतिया --------------------------------- बटका पूल
३। त्रितिय --------------------------------- बार पीपल कि चौकी कुन्जबन
४। चौथी ---------------------------------- फुलबाग - दुब दुलिचा
५। पञ्चमी -------------------------------- पश्चिम कि चौगान
छ। खष्टी --------------------------------- लाल चबुतरा
यू सप्तमी -------------------------------- बडोबन
८। अष्टमी -------------------------------- मधुबन - महाबन
९। नवमी --------------------------------- पुखराज कि तरहटी
१०। दशमी -------------------------------- पुखराजकी चादनी
११। एकदशी ------------------------------- पुखराजी ताल
१२। दुवादसी ------------------------------- बंगला
१३। त्रायोदसी ------------------------------ अधबिचका कुन्ड
१४। चतुर्दसी ------------------------------- मुलकुन्ड - ढपो चबुतरा
१५। पुर्णिमा ------------------------------- केल का पुल
सुन्दरसाथ जि हरुमा प्रणाम प्रणाम प्रणाम प्रणाम प्रणाम प्रणाम प्रणाम प्रणाम प्रणाम
सुन्दरसाथ एडी माथि कही गलती बएमा please leave your comment down..I use unicode to translate thats why there might be some mistake.....
१। कृष्ण पक्ष परेवा -------------------------- पाट घाट
२। दुतिया --------------------------------- बटका पूल
३। त्रितिय --------------------------------- बार पीपल कि चौकी कुन्जबन
४। चौथी ---------------------------------- फुलबाग - दुब दुलिचा
५। पञ्चमी -------------------------------- पश्चिम कि चौगान
छ। खष्टी --------------------------------- लाल चबुतरा
यू सप्तमी -------------------------------- बडोबन
८। अष्टमी -------------------------------- मधुबन - महाबन
९। नवमी --------------------------------- पुखराज कि तरहटी
१०। दशमी -------------------------------- पुखराजकी चादनी
११। एकदशी ------------------------------- पुखराजी ताल
१२। दुवादसी ------------------------------- बंगला
१३। त्रायोदसी ------------------------------ अधबिचका कुन्ड
१४। चतुर्दसी ------------------------------- मुलकुन्ड - ढपो चबुतरा
१५। पुर्णिमा ------------------------------- केल का पुल
सुन्दरसाथ जि हरुमा प्रणाम प्रणाम प्रणाम प्रणाम प्रणाम प्रणाम प्रणाम प्रणाम प्रणाम
सुन्दरसाथ एडी माथि कही गलती बएमा please leave your comment down..I use unicode to translate thats why there might be some mistake.....
Labels:
lekhharu
Rajshaymaji ko sabari hune sthan haru.(श्री राजश्यमाजी को सबरी हुने स्थान हरु)...........
सुक्ल पक्ष म श्री राजश्यमाजी को सबरी हुने स्थान हरु को नाम एस्प्रकार छन।
१। सुक्ल पक्ष परेवा -------------------------- नुरसागर
२। दुतिया --------------------------------- निरसागर
३। त्रितिय --------------------------------- क्षिरसागर
४। चौथी ---------------------------------- दधिसागर
५। पञ्चमी -------------------------------- घ्रितसागर
६। खष्टी --------------------------------- मधुसागर
७। सप्तमी -------------------------------- रससागर
८। अष्टमी -------------------------------- सर्बरससागर
९। नवमी --------------------------------- छोटी रंग (राग )
१०। दशमी -------------------------------- बन कि नेहेर
११। एकदशी ------------------------------- माणीक पहाड
१२। दुवादसी ------------------------------- जबेरौकी नेहेर
१३। त्रायोदसी ------------------------------ चौबिस हासको मोहोल
१४। चतुर्दसी ------------------------------- हौज कोसर तलाब कि टापु
१५। पुर्णिमा ------------------------------- रंग मोहोल कि चादनी
१। सुक्ल पक्ष परेवा -------------------------- नुरसागर
२। दुतिया --------------------------------- निरसागर
३। त्रितिय --------------------------------- क्षिरसागर
४। चौथी ---------------------------------- दधिसागर
५। पञ्चमी -------------------------------- घ्रितसागर
६। खष्टी --------------------------------- मधुसागर
७। सप्तमी -------------------------------- रससागर
८। अष्टमी -------------------------------- सर्बरससागर
९। नवमी --------------------------------- छोटी रंग (राग )
१०। दशमी -------------------------------- बन कि नेहेर
११। एकदशी ------------------------------- माणीक पहाड
१२। दुवादसी ------------------------------- जबेरौकी नेहेर
१३। त्रायोदसी ------------------------------ चौबिस हासको मोहोल
१४। चतुर्दसी ------------------------------- हौज कोसर तलाब कि टापु
१५। पुर्णिमा ------------------------------- रंग मोहोल कि चादनी
Labels:
lekhharu
rajshyamaji ko dincharya (राजश्यामाजी को दिन्चर्या )
सुक्ल पक्ष मा राज्जी एसप्रकार आफ्नो दिन बिएतित गर्नु हुन्छ ।
बिहाना ६ बजे ढेकी दिउसो ३ बजे सम्मा रंग मोहल को तेस्रो ताला माँ - - दिउसो ३ उपरान्त सुक्ल पक्ष मा छ घण्टा भिन्न भिन्न स्थान मा र बेलुक नौ बजे धेकी बिहान छ बजे सम्मा रंग मोहल को पाचौ तलामा श्री राजश्यमजी बस्नु हुन्छ। नौ घण्टा तेस्रो तला मा र नौ घण्टा पाचौ तला मा र छ घण्टा भिन्न भिन्न स्थान मा गरेर जम्मा चौबिस घण्टा भयो ।
अब कृष्ण पक्ष को कुरा गरौ।
नौ घण्टा तेस्रो तला मा बिहान छ बजे धेकी दिनको तीन बजे सम्मा र तीन बजे उप्रान्त बहिर भिन्न भिन्न स्थान मा -- तीन घण्टा बेलुक छ बजे फिर्त भाएर रंग मोहल को चौथो भोम मा गएर निर्तन हेर्ने -नौ बजे श्री राजश्यमजी रंग मोहल को पाचौ भोम मा गए सुकल हुने हो। एसरी कृष्ण पक्ष मा श्रीराजश्यमजीजी लेचौब्बिस घण्टा बितौनु हुन्छ ।
राज श्यामजी ले परम धाम माँ सबरी हुने स्थान हरुको नाम अर्को लेख माँ उल्लेख गर्नेछु । प्रणाम प्रणाम राज्श्यमाजी ले सधै कृपा गरुन ।
बिहाना ६ बजे ढेकी दिउसो ३ बजे सम्मा रंग मोहल को तेस्रो ताला माँ - - दिउसो ३ उपरान्त सुक्ल पक्ष मा छ घण्टा भिन्न भिन्न स्थान मा र बेलुक नौ बजे धेकी बिहान छ बजे सम्मा रंग मोहल को पाचौ तलामा श्री राजश्यमजी बस्नु हुन्छ। नौ घण्टा तेस्रो तला मा र नौ घण्टा पाचौ तला मा र छ घण्टा भिन्न भिन्न स्थान मा गरेर जम्मा चौबिस घण्टा भयो ।
अब कृष्ण पक्ष को कुरा गरौ।
नौ घण्टा तेस्रो तला मा बिहान छ बजे धेकी दिनको तीन बजे सम्मा र तीन बजे उप्रान्त बहिर भिन्न भिन्न स्थान मा -- तीन घण्टा बेलुक छ बजे फिर्त भाएर रंग मोहल को चौथो भोम मा गएर निर्तन हेर्ने -नौ बजे श्री राजश्यमजी रंग मोहल को पाचौ भोम मा गए सुकल हुने हो। एसरी कृष्ण पक्ष मा श्रीराजश्यमजीजी लेचौब्बिस घण्टा बितौनु हुन्छ ।
राज श्यामजी ले परम धाम माँ सबरी हुने स्थान हरुको नाम अर्को लेख माँ उल्लेख गर्नेछु । प्रणाम प्रणाम राज्श्यमाजी ले सधै कृपा गरुन ।
Labels:
lekhharu
Paramdham ko pacchis pashkya (परमधमको पच्चिस पक्ष )
परमधम रंग मोहोल - हौज को सर तलाब - कुन्जबन -जबेरौकी नेहेर - माणीक पहाड - पश्चिमकी चौगान -
बडोबन - पुखराजी पर्बत् -श्री जमुनाजी अला खल -नूरसागर - नीरसागर - क्षिरसागर - दधिसागर -
घ्रितसागर - मधुसागर - रससागर - सर्बरससागर - अस्ट क्षिती अस्ट प्रकारको ।।।।।।।।।एही नै हो पच्चिस पक्ष परम धाम को ।
अस्ट क्षिती को अर्थ यो होकी परमधाम च्य्प्टो खाल्को गोलकार छ जस्को बाहिरी किनार् पट्टी गोलाकर कै रुप बाट एक सागर एक पृथ्वी हरु छन् जस्लाई हामी दुई सागर को बिच मा एक पृथ्वी भन्न पनि सक्छौ आथबा दुई पृथ्वी को बिच मा एक सागर। एस्को मतलब क्षिती भनेको पृथ्वी हो र ति आठ वटा पृथ्वी आठ पक्ष भये ।
माथि को तस्बिर परमधाम को हो ।
बडोबन - पुखराजी पर्बत् -श्री जमुनाजी अला खल -नूरसागर - नीरसागर - क्षिरसागर - दधिसागर -
घ्रितसागर - मधुसागर - रससागर - सर्बरससागर - अस्ट क्षिती अस्ट प्रकारको ।।।।।।।।।एही नै हो पच्चिस पक्ष परम धाम को ।
अस्ट क्षिती को अर्थ यो होकी परमधाम च्य्प्टो खाल्को गोलकार छ जस्को बाहिरी किनार् पट्टी गोलाकर कै रुप बाट एक सागर एक पृथ्वी हरु छन् जस्लाई हामी दुई सागर को बिच मा एक पृथ्वी भन्न पनि सक्छौ आथबा दुई पृथ्वी को बिच मा एक सागर। एस्को मतलब क्षिती भनेको पृथ्वी हो र ति आठ वटा पृथ्वी आठ पक्ष भये ।
माथि को तस्बिर परमधाम को हो ।
Labels:
lekhharu
Monday, January 17, 2011
Saturday, January 15, 2011
Friday, January 14, 2011
Thursday, January 13, 2011
Wednesday, January 12, 2011
Tuesday, January 11, 2011
Ramanand sagar's Shree Krishna Full episode
Part 1
Part 2
Part 3
Part 4
Part 5
Part 6
part 7
Part 8
Part 9
Part 10
Part 11
Part 12
Part 13
Part 14
Part 15
Part 16
Part 17
Part 18
Part 19
Part 20
Part 21
Part 22
Part 23
Part 24
Part 25
Part 26
Part 27
Part 28
Part 29
Part 30
Part 31
Part 32
Part 33
Part 34
Part 35
Part 36
Part 37
Part 38
Part 39
Part 40
Part 41
Part 42
Part 43
Part 44
others comming soon............
Part 2
Part 3
Part 4
Part 5
Part 6
part 7
Part 8
Part 9
Part 10
Part 11
Part 12
Part 13
Part 14
Part 15
Part 16
Part 17
Part 18
Part 19
Part 20
Part 21
Part 22
Part 23
Part 24
Part 25
Part 26
Part 27
Part 28
Part 29
Part 30
Part 31
Part 32
Part 33
Part 34
Part 35
Part 36
Part 37
Part 38
Part 39
Part 40
Part 41
Part 42
Part 43
Part 44
others comming soon............
Sunday, January 9, 2011
Navatamdham parayan videos......Opening of shree krishna pranami mandir
Shri Navtandham
Gothatar
2
Kathmandu
Bagamati
Nepal
Accommodation : Yes
Food : Yes
Phone :01 49991850 or 01 6221893
Gothatar
2
Kathmandu
Bagamati
Nepal
Accommodation : Yes
Food : Yes
Phone :01 49991850 or 01 6221893
Meher Sagar: The Ocean of Divine Grace
Aur sagar jo meher ka, so shobha ati leit |
Laheren aavey meher sagar, khubi sukh samet ||1
Hukam meher ke hath mein, josh meher ke anga |
Ishak aavey meher se, besak elam tin sang || 2
Puri meher jit hakk ki, tit aur kaha chahiyat |
Hakk meher tit hoat hei, jit asal hei nisbat ||3
Meher hoat avval se, it hi hoat hukam |
Julus sath sab tin ke, kachhu kami na karat khasam ||4
Eah khel huva meher vastey, mahen khelavey sab meher |
Jathey meher judi huyi, tab hoat sab jeher ||5
Dou meher dekhat khel mein, lok dekhey upar ka jahur |
Jaye andar meher kachhu nahin, akhir hoat hakk se dur ||6
Meher soi jo batuni, jo meher bahir aur mahin |
Aakhir lag taraf dhani ki, kami kachhu aavat nahin ||7
Meher hoat hei jin upar, meher dekhat pancho tatwa |
Pind brahmand sab meher ke, meher ke bich basat ||8
Dukh rupi ean jimi mein, dukh na kahu dekhat |
Baat badi hei meher ki, jo dukh mein sukh levat ||9
Sukh mein toh sukh dayam, par swaad na aavat upar |
Dukh aavey sukh aavat, so meher kholat najar ||10
Ean dukh jimi mein baith ke, meherey dekhey dukh dur |
Kayam sukh jo hakk ke, so meher karat hajoor || 11
Mein dekhya dil vichaar ke, ishak hakk ka jit |
Ishak meher se aayiya, avval meher hei teet ||12
Apna elam jin det hei, so bhi meher se besak |
Meher sab vidh lyavat, jit hukam meher josh hakk ||13
Jako leit hei meher mein, taye peheley meherey banavey vajud |
Gun anga indriya meher ki, rooh meher fukat mahen bund ||14
Meher singhasan bethak, aur meher chavar sir chhatra |
Sohobat sena meher ki, dil chahey meher vajantra ||15
Boli bulavey meher ki, aur meherey ka chalan |
Raat din dou meher mein, Hoi meherey milava roohan ||16
Bandgi jikar meher ki, eah meher hakk hukam |
Ruhen baithi meher chhaya miney, piye meher ras ishak elam ||17
Jit meher tit sab hei, meher avval lag aakhir |
Sohobat meher devhin, kahun meher sifat kyon kar||18
Yeh jo dariya meher ka, batuni jahir dekhat |
Sab sukh dekhat tahan, meher jit basat ||19
Bich nabood duniy ke, aayi meher hakk khilwat |
Tinsey sab kayam hueah, meher ki barkat ||20
Varnan karun kyon meher ki, sifat na pahunchat |
Eah meher hakk ki batuni, najar mahen basat ||21
Eah meher karat sab jahir, sab ka mata taulat |
Jo kin kano na sunya, so meher magaj kholat ||22
Barnan karun kyon meher ki, jo basat hakk ke dil |
Jako dil mein let hei, tahan aavat nyamat sab mil ||23
Barnan karun kyon meher ki, jo basat mahen hakk |
Jako nivajey meher mein, taaeah det aap mafak ||24
Baat badi hei meher ki, jit meher tit sab |
Nimakh na chhodey najar sey, ean upar kaha kahun ab ||25
Jahan aap tahan najar, jahan najar tahan meher |
Meher bina aur jo kachhu, so sab lagey jeher ||26
Baat badi hei meher ki, meher hoi na bina ankur |
Ankur soi hakk nisbati, mahen basat tajjala noor ||27
Jyon meher tyon josh hei, jyon josh tyon hukam |
Meher rahat noor bal liye, tahan hakk ishak elam ||28
Mitha sukh meher sagar, meher mein hakk aaram |
Meher ishak hakk anga hei, Meher ishak prem kaam ||29
Kaam badey ean meher ke, eah meher ean hakk |
Meher hoat jin upar, taye det aap mafak ||30
Meherey khel banaiya, vastey meher momin |
Meherey milawa huva, aur meherey firastan ||31
Meherey rasul hoi aayiya, meherey hakk liye furman |
Kunji lyaye meher ki, kari meherey hakk pehechan ||32
Dai meherey kunji imam ko, tino muhammad surat |
Meherey dei hikmat, kari meherey jaher hakikat ||33
So furman meherey kholiya, kari jaher meherey aakhirat |
Meherey samjeh momin, kari meherey jaher khilwat ||34
Eah meher momin par, eahi khasal khas ummat |
Dai meherey bhist saban ko, so meher momino barkat ||35
Meherey khel dekhya momino, Meherey aaye taley kadam |
Meherey kayamat kar ke, Meherey hans ke miley khasam ||36
Meher ki baatey toh kahun, jo meher ko hovey paar |
Meherey hakk nyamat sab mapi, meher meher ko nahin sumar ||37
Jo meher thadhi rahey, toh meher mapi jaye |
Meher pal mein badhey kot guni, so kyon meherey meher mapaye ||38
Meherey dil arash kiya, dil momino meher sagar |
Hakk meher ley baithey dil mein, de kho momino meher kadar ||39
Baat badi hei meher ki, hakk ke dil ka pyaar |
So janey dil hakk ka, Ya meher janey meher ko sumar ||40
Jo eak vachan kahun meher ka, Ley meher samajiyo soi |
Apaar umar apaar jubayen, meher ko hisaab na hoi ||41
Nipat bada sagar aathma, eah meher ko nikey jaan |
Eah meher hoi tuz upar, toh meher ki hoi pehchan ||42
Saat sagar varnan kiye, sagar aathva bina hisaab |
Eah meher ko paar na aavhin, Jo kei kot karun kitaab ||43
Eah meher momin janhin, jin upar hei meher |
Tako hakk ki meher bina, aur dekhey sab jeher ||44
Shri mahamati kahey eah momino, Eah meher bada sagar |
So meherey hakk kadmon taley, Piyo amiras hakk najar ||45
| Bolo Shri Prannath Pyare Ki Jai |
Subscribe to:
Posts (Atom)