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Saturday, February 5, 2011

Paramdham.....................................Jaya Shree Krishna

Tuesday, January 25, 2011

Monday, January 24, 2011

Rajshaymaji ko sabari hune sthan haru.(श्री राजश्यमाजी को सबरी हुने स्थान हरु)...krishna pakshya ma ........

कृष्ण पक्ष मा श्री राजश्यमाजी को सबरी हुने स्थान हरु को नाम एस्प्रकार छन।
१। कृष्ण पक्ष परेवा -------------------------- पाट घाट
२। दुतिया --------------------------------- बटका पूल 
३। त्रितिय --------------------------------- बार पीपल कि चौकी कुन्जबन
४। चौथी ---------------------------------- फुलबाग - दुब दुलिचा
५। पञ्चमी -------------------------------- पश्चिम कि चौगान
छ। खष्टी --------------------------------- लाल चबुतरा
यू सप्तमी -------------------------------- बडोबन
८। अष्टमी -------------------------------- मधुबन - महाबन
९। नवमी --------------------------------- पुखराज कि तरहटी
१०। दशमी -------------------------------- पुखराजकी चादनी 
११। एकदशी ------------------------------- पुखराजी ताल
१२। दुवादसी ------------------------------- बंगला
१३। त्रायोदसी ------------------------------ अधबिचका कुन्ड  
१४। चतुर्दसी ------------------------------- मुलकुन्ड - ढपो चबुतरा 
१५। पुर्णिमा ------------------------------- केल का पुल

सुन्दरसाथ जि हरुमा प्रणाम   प्रणाम प्रणाम   प्रणाम प्रणाम प्रणाम प्रणाम प्रणाम प्रणाम
सुन्दरसाथ एडी माथि कही गलती बएमा please leave your comment down..I use unicode to translate thats why there might be some mistake.....






Rajshaymaji ko sabari hune sthan haru.(श्री राजश्यमाजी को सबरी हुने स्थान हरु)...........

सुक्ल पक्ष म श्री राजश्यमाजी को सबरी हुने स्थान हरु को नाम एस्प्रकार छन।
१। सुक्ल पक्ष परेवा -------------------------- नुरसागर
२। दुतिया --------------------------------- निरसागर
३। त्रितिय --------------------------------- क्षिरसागर
४। चौथी ---------------------------------- दधिसागर
५। पञ्चमी -------------------------------- घ्रितसागर
६। खष्टी --------------------------------- मधुसागर
७।  सप्तमी -------------------------------- रससागर
८। अष्टमी -------------------------------- सर्बरससागर
९। नवमी --------------------------------- छोटी रंग (राग )
१०। दशमी -------------------------------- बन कि नेहेर
११। एकदशी ------------------------------- माणीक पहाड
१२। दुवादसी ------------------------------- जबेरौकी नेहेर
१३। त्रायोदसी ------------------------------ चौबिस हासको मोहोल
१४। चतुर्दसी ------------------------------- हौज कोसर तलाब कि टापु
१५। पुर्णिमा ------------------------------- रंग मोहोल कि चादनी

rajshyamaji ko dincharya (राजश्यामाजी को दिन्चर्या )

सुक्ल पक्ष मा राज्जी एसप्रकार आफ्नो दिन बिएतित गर्नु हुन्छ ।
बिहाना ६ बजे ढेकी दिउसो  ३ बजे सम्मा रंग मोहल को तेस्रो ताला माँ - - दिउसो ३ उपरान्त सुक्ल पक्ष मा छ घण्टा भिन्न भिन्न स्थान मा र बेलुक नौ बजे धेकी बिहान छ बजे सम्मा रंग मोहल को पाचौ तलामा श्री राजश्यमजी बस्नु हुन्छ। नौ घण्टा तेस्रो तला मा र नौ घण्टा पाचौ तला मा र छ घण्टा भिन्न भिन्न स्थान मा गरेर जम्मा चौबिस घण्टा भयो ।


अब कृष्ण पक्ष को कुरा गरौ।
नौ घण्टा तेस्रो तला मा बिहान छ बजे धेकी दिनको तीन बजे सम्मा र तीन बजे उप्रान्त बहिर भिन्न भिन्न स्थान मा -- तीन घण्टा बेलुक छ बजे फिर्त भाएर रंग मोहल को चौथो भोम मा गएर निर्तन हेर्ने -नौ बजे श्री राजश्यमजी रंग मोहल को पाचौ भोम मा गए सुकल हुने हो। एसरी कृष्ण पक्ष मा श्रीराजश्यमजीजी लेचौब्बिस घण्टा बितौनु हुन्छ ।

राज श्यामजी ले परम धाम माँ सबरी हुने स्थान हरुको नाम अर्को लेख माँ उल्लेख गर्नेछु । प्रणाम प्रणाम राज्श्यमाजी ले सधै कृपा गरुन ।